पाखी की स्कूल में वार्षिक उत्सव में पाखी ने भी डांस किया था . पाखी से पूछा की कैसा लगा तो कहा की बहुत मज़ा आया मम्मी. लेकिन मुझे तो फूल नहीं मिला था लगाने के लिए .............
असल में सभी क्लास के अलग अलग परफोर्मेंस थे. भारतीय त्योहारों के हिसाब से सब प्रोग्राम थे. पाखी के क्लास को दही हांड़ी का गाना ( मच गया शोर साडी नगरी रे ) मिला था और भी त्यौहार थे - होली ,दिवाली, दुर्गा पूजा...आदि.
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