इस दुनिया में मेरी पहली सुबह. \
सच बताऊ तो इस दिन मुझे छोड़कर बाकी सब लोग खुश थे.
क्यों?......
नौ महिने मैं बड़े सुकुन से थी इसका पता मुझे बाहर आते ही चल गया था. अप्रैल की गर्मी थी और निकलते ही डाक्टर प्रिया ने उलटा लटका के दो चपत लगा दी.
ये था मेरा पहला वेलकम.क्यों?......
नौ महिने मैं बड़े सुकुन से थी इसका पता मुझे बाहर आते ही चल गया था. अप्रैल की गर्मी थी और निकलते ही डाक्टर प्रिया ने उलटा लटका के दो चपत लगा दी.
इसके बाद तो बस सिलसिला शुरु हो गया. कभी किसी नर्स के पास तो कभी लाइट बाक्स में. लेकिन पुरे पांच घंटे बाद मां के पास आकर लगा कि ये सही जगह है………
4 comments:
pathi to dhel sali badhaeeeeeeee..... ram kaka.
thanku kaka.
u r so much sweet baby..........nidhi mausi
aaaallaaaaaalalalalala..guju..gju..guju//.....huuuluuuuulululu....ka hola hai?
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