Wednesday, December 23, 2009

Monday, November 2, 2009

hello...............



हैलो दोस्तों
आप लोग कैसे है। मै बम्बई आ गई हुं।

पिछले दो महिनों में मैंने बहुत मस्ती की है।
दादा दादी , नाना नानी ..................और भी बहुत सारे लोगो के साथ
बिताए पलों को लेकर अब आप लोंगो से मिलती रहूंगी।

Sunday, August 30, 2009

Now! I brush my teeth every day what about u

मम्मी ऐसे ...............................?
ये तो ठीक है न .......................................


मैं तो ऐसे ही करुँगी ...................................................


Sunday, August 16, 2009

पाखी ने जब पहली बार बोला तो .........

असल में पाखी के अंकुर चाचा आए हुए थे और कई दिनों से बहुत बकबका रहे थें। जब पाखी से नही रहा गया तो ये हुआ ----

Saturday, August 8, 2009

मेरा टेडी कहां गया ?

मैंने मम्मी को दिखाया था ...

मेरे टेडी की फोटो अखबार में छपी थी .

कहां गया?

कहां ......
ये बड़े लोग ......
कहा रख दिया .......
नहीं मिला ..
जाओ मैं किसी से बात नही करुंगी।

Thursday, August 6, 2009

मेरा कमरा


मिट माइ फ्रैंड अविरल

कल जब मैं देर से शाम को जगी तो गार्डन में मम्मी के साथ अकेले ही जाना पड़ा, वहा एक बहुत ही शैतान लड़का मिला। वो मुझे झुला नही दे रहा था । जब मैंने उसे अपने दोस्त अविरल की फोटो दिखाई तो बोला- पहले बोलना था की तुम अविरल की दोस्त हो।

ठीक किया न ......

Monday, August 3, 2009

आओं एक कहानी सुनो

पुने मे मम्मी मुझे बहुत सारी कहानिया सुनाती थी। एक दिन जब मम्मी बोर हो रही थी तो मैंने सोचा क्यों न कहानी सुना कर मैं ही उनका मन बहलाउ

19-07-2009 pune

पाखी की ऊठ की सवारी

पुणे में मैंने पापा के साथ और दोस्तों के साथ बहुत मस्ती की। दोस्तों के साथ ऊठ की सवारी में तो बहुत मजा़ आया। आप भी मजा़ लिजिए -

16-07-2009 pune

Saturday, May 23, 2009

मां और लोरी

बिटिया रानी,
गुडिया रानी सो जा रानी सो जा
मम्मी लोरी गा के सुनाये,
सो जा रानी सो जा

सपनों की दुनिया
सपनों में परियां
परियों के संग तू खेले खिलौने
चंदा तारे साथी तुम्हारे
खुशियों के रंग में जा तु रंग जा

बिटिया रानी,
गुडिया रानी सो जा रानी सो जा
मम्मी लोरी गा के सुनाये,
सो जा रानी सो जा ...............


मम्मी मौसी से कह रही थी कि ये लोरी उन्होने बनाई है
जरा आप लोग बताइये ये सच है या नहीं
क्योंकि मैने तो वही लोरीयां सुनी है जो मां ने सुनाई हैं .......

Friday, May 22, 2009

मेरा चौथा महीना

चौथे महीने मैंने मौसी के साथ बहुत मस्ती कि.

लेकिन वो जब देखो तब कैमरा लेकर खड़ी रहती थी.

मेरी समझ में नहीं आता कि ये बड़े लोग इतना फोटो क्यों खींचते हैं.
न चाह कर भी पोज़ देना ही पड़ता है.



Tuesday, May 12, 2009

मेरा मस्ती भरा तीसरा महीना


दुनिया को मैने पलट कर पहली बार देखा.....



दुनिया उल्टी थी या मैं.....?


जो भी है. बहुत मजा आया.

Monday, April 6, 2009

मेरा जन्मदिन

पिछला हफ्ता बहुत ही मुश्किल भरा था. मेरे जन्मदिन को कैसे मनाया जायेगा केवल यही चर्चा का विषय होता था.
दिक्कत क्या थी? कोई एक हो तो बताये.
जन्मदिन मनाने की पहली दिक्कत - शनिवार या रविवार होना चाहिए. लेकिन ६ अप्रैल को सोमवार था.
दुसरी दिक्कत साल पुरा होने से पहले हि कैसे मना ले.
पहली दिक्कत कोई बड़ी दिक्कत नहीं थी और दुसरी दिक्कत को नानी ने दूर कर दिया.
हिन्दी तिथी के हिसाब से 27 मार्च को मैं साल भर की हो गई थी.
लेकिन मुझे तो जन्मदिन के दिन ही जन्मदिन मनाना था सो मैंने अपनी तबियत ही खराब कर ली. मम्मी पापा ने प्रोगराम कैनसल कर दिया.
लेकिन हम लोग जंगल में तो रहते नही इसलिए रविवार को सोसाइटी के बच्चों को बुला लिया गया.




जब सब बच्चे पहुंचे तो पता चला कि 5 अप्रैल को
मेरा नहीं सोना दीदी का जन्मदिन है.




दिवार पर लिख देने और केक के सामने खड़ा कर देने से
क्या सोना दीदी का जन्म दिन मेरा हो जाएगा.




ऊपर से मुंह मे केक भी लगा दिया.


6 अप्रैल को यानी आज मेरे जन्मदिन वाले दिन मैंने चैन से सोना पसन्द किया.
सही किया न…………..

Thursday, April 2, 2009

मेरा पहला वेलकम

हैलो, ये मैं हुं पाखी
इस दुनिया में मेरी पहली सुबह. \
सच बताऊ तो इस दिन मुझे छोड़कर बाकी सब लोग खुश थे.
क्यों?......
नौ महिने मैं बड़े सुकुन से थी इसका पता मुझे बाहर आते ही चल गया था. अप्रैल की गर्मी थी और निकलते ही डाक्टर प्रिया ने उलटा लटका के दो चपत लगा दी.
ये था मेरा पहला वेलकम.
इसके बाद तो बस सिलसिला शुरु हो गया. कभी किसी नर्स के पास तो कभी लाइट बाक्स में. लेकिन पुरे पांच घंटे बाद मां के पास आकर लगा कि ये सही जगह है………