Friday, January 22, 2010

बाईक पे चले ........




1 comment:

रावेंद्रकुमार रवि said...

आइ लाइक, दिस बाइक!
अभी तो बस बैठूँगी, बाद में चलाऊँगी!
धरती के साथ-साथ, गगन में उड़ाऊँगी!

--
क्यों हम सब पूजा करते हैं, सरस्वती माता की?
लगी झूमने खेतों में, कोहरे में भोर हुई!
--
संपादक : सरस पायस