हैलो दोस्तों ,
क्रिसमस की चौकलेट लेने चले .........
Wednesday, December 23, 2009
Monday, November 2, 2009
hello...............
Sunday, August 30, 2009
Sunday, August 16, 2009
पाखी ने जब पहली बार बोला तो .........
असल में पाखी के अंकुर चाचा आए हुए थे और कई दिनों से बहुत बकबका रहे थें। जब पाखी से नही रहा गया तो ये हुआ ----
Saturday, August 8, 2009
Thursday, August 6, 2009
मिट माइ फ्रैंड अविरल
Monday, August 3, 2009
आओं एक कहानी सुनो
पुने मे मम्मी मुझे बहुत सारी कहानिया सुनाती थी। एक दिन जब मम्मी बोर हो रही थी तो मैंने सोचा क्यों न कहानी सुना कर मैं ही उनका मन बहलाउ
19-07-2009 pune
19-07-2009 pune
पाखी की ऊठ की सवारी
पुणे में मैंने पापा के साथ और दोस्तों के साथ बहुत मस्ती की। दोस्तों के साथ ऊठ की सवारी में तो बहुत मजा़ आया। आप भी मजा़ लिजिए -
16-07-2009 pune
16-07-2009 pune
Sunday, August 2, 2009
Friday, July 24, 2009
Thursday, July 23, 2009
Saturday, May 23, 2009
मां और लोरी
बिटिया रानी,
गुडिया रानी सो जा रानी सो जा
मम्मी लोरी गा के सुनाये,
मम्मी लोरी गा के सुनाये,
सो जा रानी सो जा
सपनों की दुनिया
सपनों की दुनिया
सपनों में परियां
परियों के संग तू खेले खिलौने
चंदा तारे साथी तुम्हारे
खुशियों के रंग में जा तु रंग जा
खुशियों के रंग में जा तु रंग जा
बिटिया रानी,
गुडिया रानी सो जा रानी सो जा
गुडिया रानी सो जा रानी सो जा
मम्मी लोरी गा के सुनाये,
सो जा रानी सो जा ...............
जरा आप लोग बताइये ये सच है या नहीं
क्योंकि मैने तो वही लोरीयां सुनी है जो मां ने सुनाई हैं .......
Friday, May 22, 2009
मेरा चौथा महीना
Tuesday, May 12, 2009
Monday, April 6, 2009
मेरा जन्मदिन
पिछला हफ्ता बहुत ही मुश्किल भरा था. मेरे जन्मदिन को कैसे मनाया जायेगा केवल यही चर्चा का विषय होता था.
दिक्कत क्या थी? कोई एक हो तो बताये.
जन्मदिन मनाने की पहली दिक्कत - शनिवार या रविवार होना चाहिए. लेकिन ६ अप्रैल को सोमवार था.
दुसरी दिक्कत साल पुरा होने से पहले हि कैसे मना ले.
पहली दिक्कत कोई बड़ी दिक्कत नहीं थी और दुसरी दिक्कत को नानी ने दूर कर दिया.
हिन्दी तिथी के हिसाब से 27 मार्च को मैं साल भर की हो गई थी.
लेकिन मुझे तो जन्मदिन के दिन ही जन्मदिन मनाना था सो मैंने अपनी तबियत ही खराब कर ली. मम्मी पापा ने प्रोगराम कैनसल कर दिया.
लेकिन हम लोग जंगल में तो रहते नही इसलिए रविवार को सोसाइटी के बच्चों को बुला लिया गया.
दिक्कत क्या थी? कोई एक हो तो बताये.
जन्मदिन मनाने की पहली दिक्कत - शनिवार या रविवार होना चाहिए. लेकिन ६ अप्रैल को सोमवार था.
दुसरी दिक्कत साल पुरा होने से पहले हि कैसे मना ले.
पहली दिक्कत कोई बड़ी दिक्कत नहीं थी और दुसरी दिक्कत को नानी ने दूर कर दिया.
हिन्दी तिथी के हिसाब से 27 मार्च को मैं साल भर की हो गई थी.
लेकिन मुझे तो जन्मदिन के दिन ही जन्मदिन मनाना था सो मैंने अपनी तबियत ही खराब कर ली. मम्मी पापा ने प्रोगराम कैनसल कर दिया.
लेकिन हम लोग जंगल में तो रहते नही इसलिए रविवार को सोसाइटी के बच्चों को बुला लिया गया.
Thursday, April 2, 2009
मेरा पहला वेलकम
इस दुनिया में मेरी पहली सुबह. \
सच बताऊ तो इस दिन मुझे छोड़कर बाकी सब लोग खुश थे.
क्यों?......
नौ महिने मैं बड़े सुकुन से थी इसका पता मुझे बाहर आते ही चल गया था. अप्रैल की गर्मी थी और निकलते ही डाक्टर प्रिया ने उलटा लटका के दो चपत लगा दी.
ये था मेरा पहला वेलकम.क्यों?......
नौ महिने मैं बड़े सुकुन से थी इसका पता मुझे बाहर आते ही चल गया था. अप्रैल की गर्मी थी और निकलते ही डाक्टर प्रिया ने उलटा लटका के दो चपत लगा दी.
इसके बाद तो बस सिलसिला शुरु हो गया. कभी किसी नर्स के पास तो कभी लाइट बाक्स में. लेकिन पुरे पांच घंटे बाद मां के पास आकर लगा कि ये सही जगह है………
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